समाज नग्न हो रहा है
खो रहे है विचार
विचार वस्त्र समाज के
विचार आधार समाज के
विचार है जो जल के
जग को शीतल करने के
खोकर खुद की हस्ती
औरों को जीवन देने के
विचार है जो पवन के
निर्विघ्न चलने के
निराकार हो कर के,
जीवन साकार करने के
विचार है जो धरा के
जननी बनके पोषण के
खोलकर भंडार अन्न - धनं
जीवन को खुशहाल करने के
विचार है जो मानव जीवन के
प्रेम, क्षमा और त्याग के
भरत सा जीवन जी कर
"ह्रदय" आधार राम राज के
खो रहे है विचार
विचार वस्त्र समाज के
विचार आधार समाज के
विचार है जो जल के
जग को शीतल करने के
खोकर खुद की हस्ती
औरों को जीवन देने के
विचार है जो पवन के
निर्विघ्न चलने के
निराकार हो कर के,
जीवन साकार करने के
विचार है जो धरा के
जननी बनके पोषण के
खोलकर भंडार अन्न - धनं
जीवन को खुशहाल करने के
विचार है जो मानव जीवन के
प्रेम, क्षमा और त्याग के
भरत सा जीवन जी कर
"ह्रदय" आधार राम राज के
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