Monday, October 3, 2011

माँ

ममता भरे माँ के आँचल में
जीवन का आधार मिला
देकर पाती खुशियों को
एक अद्भुत सा संसार मिला


खुद के जीवन को दांव पर रख

एक नव जीवन को जन्म दिया
कुछ ज्ञान नहीं,
अभिमान नहीं
फिर भी गुरु का है काम किया


खड़ा किया नन्हें कदमों को

चलने को बलवान किया

यूँ दीप जलाएं मन के, आंखों के

जीवन का हर ज्ञान दिया


वह रूठें न कभी हमसे प्रभु

तेरे चरणोँ मै यूँ प्रणाम किया

"ह्रदय" नयनों के जल से चरण पखारें
फिर जीवन में कोई काम किया




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