यह भाव है मेरे जीवन की ताक़त, यह मेरे जीवन का विश्वास भी
यह ही हैं कहीं मेरी परिभाषा, कहीं पर मन का उद्गार भी
यह हैं धरोहर मेरे जीवन की, मेरे जीवन का सार भी
खो गए कुछ बीच में साथी, कुछ ले अपने साथ सभी
यही हैं स्वरुप, अनजान निर्रूप, जो मेरे हर दम साथ अभी
"ह्रदय" समर्पण श्रद्धा संग मेरे अपने हैं यह भाव सभी
कहीं दर्द कहीं सकुन है देते, मुझ पर इनके प्रभाव सभी
कहीं कहीं मेरे जीवन का साथ हैं यह, मेरे दोस्त भी हैं और मेरी आस भी
यह ही हैं कहीं मेरी परिभाषा, कहीं पर मन का उद्गार भी
यह हैं धरोहर मेरे जीवन की, मेरे जीवन का सार भी
खो गए कुछ बीच में साथी, कुछ ले अपने साथ सभी
यही हैं स्वरुप, अनजान निर्रूप, जो मेरे हर दम साथ अभी
"ह्रदय" समर्पण श्रद्धा संग मेरे अपने हैं यह भाव सभी
कहीं दर्द कहीं सकुन है देते, मुझ पर इनके प्रभाव सभी
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