सोने की कोशिश करता नन्हा मन
सोना तो चाहे ही नहीं
प्यार करे उस ठाकुर से
उस ठाकुर को पाना चाहे ही नहीं
उनकी गलियों में रमता मन
ढूंढ़ रहा उन्हें गलियों में
हर चौबारे में ढूंढूं , काँकर से पूंछू
पूंछूं सारी धुलियन से
सारी रज माथे पर मलता
मलता अपने तन मन पे
"ह्रदय" मन में बैठा, आन सांवरिया
मन को मेरे मिलता ही नहीं
सोना तो चाहे ही नहीं
प्यार करे उस ठाकुर से
उस ठाकुर को पाना चाहे ही नहीं
उनकी गलियों में रमता मन
ढूंढ़ रहा उन्हें गलियों में
हर चौबारे में ढूंढूं , काँकर से पूंछू
पूंछूं सारी धुलियन से
सारी रज माथे पर मलता
मलता अपने तन मन पे
"ह्रदय" मन में बैठा, आन सांवरिया
मन को मेरे मिलता ही नहीं
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