सरस्वती, लक्ष्मी की पूजा
संग संग करना चाहूँ हूँ
सुना तपस्या बहुत विरल है
फिर भी करना चाहू हूँ
दोनों शक्ति रूप हैं तेरे
शक्ति पूजन चाहूँ हूँ
सरस्वती माँ ज्ञान मुझे दो
बिन ज्ञान जगत यह अधुरा है
लक्ष्मी माँ भंडारे भर दो
बिन स्रोत न जग यह पूरा है
पात्र बना दो "ह्रदय" को मैया
यह भिक्षा झोली मै चाहूँ हूँ
दोनों शक्ति रूप हैं तेरे
शक्ति पूजन चाहूँ हूँ
संग संग करना चाहूँ हूँ
सुना तपस्या बहुत विरल है
फिर भी करना चाहू हूँ
दोनों शक्ति रूप हैं तेरे
शक्ति पूजन चाहूँ हूँ
सरस्वती माँ ज्ञान मुझे दो
बिन ज्ञान जगत यह अधुरा है
लक्ष्मी माँ भंडारे भर दो
बिन स्रोत न जग यह पूरा है
पात्र बना दो "ह्रदय" को मैया
यह भिक्षा झोली मै चाहूँ हूँ
दोनों शक्ति रूप हैं तेरे
शक्ति पूजन चाहूँ हूँ
No comments:
Post a Comment