गगन में फर फर करते पंछी
सन्देश नया कोई गा रहे हैं
बिना डगर मंजिल को निहारे
मदमस्त ये उड़ते जा रहे हैं
सूरज की गर्मी से ना डरते
बादल की गर्जन से ना टलते
पवन ये बाहें भर भर लेती
गीत मिलन के गा रहे हैं
सोच नहीं है कोई कल की
जीवन आज में बिता रहे हैं
दाना चुन कर दूर दूर से
घरों को वापिस जा रहे हैं
दिन भर दाना चुनते रहते
श्रम से "ह्रदय" कभी ना टलते
एक वृक्ष एक डाल पर रह कर
रहना मिल कर सिखा रहे हैं
सन्देश नया कोई गा रहे हैं
बिना डगर मंजिल को निहारे
मदमस्त ये उड़ते जा रहे हैं
सूरज की गर्मी से ना डरते
बादल की गर्जन से ना टलते
पवन ये बाहें भर भर लेती
गीत मिलन के गा रहे हैं
सोच नहीं है कोई कल की
जीवन आज में बिता रहे हैं
दाना चुन कर दूर दूर से
घरों को वापिस जा रहे हैं
दिन भर दाना चुनते रहते
श्रम से "ह्रदय" कभी ना टलते
एक वृक्ष एक डाल पर रह कर
रहना मिल कर सिखा रहे हैं
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