Monday, October 3, 2011

मानव ये सबसे करते प्यार

मैंने देखा राष्ट्र एक ऐसा
जैसा गगन, बिन आधार
कुछ हैं यह मानें, पर जाने
बंधते मन से, मन से क्यों तार

जाति, मज़हब, मत गुरु अनेकों
हर पर मिलती लम्बी कतार
लहू बहाते अश्रु मिटाते
हर सुख-दुःख करते मिलकर पार

मिट जाते, बिक जाते पैसे हित
पैसा ही बहाते गंगा धार
सबको मानें सबसे बेहतर
जितना चाहते सब संसार

"ह्रदय" कहे कोई भारत इसको
कोई इंडिया कह कर करे प्रचार
एक वाणी, एक शक्ति - कमजोरी
मानव ये सबसे करते प्यार

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