आज दिवस इक शुभ है आया
हर पल मैं जीना चाहता हूँ
खोये हुए हर पल को अब
मोती मैं करना चाहता हूँ
हर बिता हुआ पल, नहीं है इक पल
मेरे जीवन का हिस्सा है
पल पल से इक अनुभव को लेकर
पल पल को अनुभव में बदल कर
सीपों सा जीवन चाहता हूँ
हर पल था सपना किसी अपने का
हर पल अपनों को बदलता रहता था
हर सपने में, अपनों को चाह कर
खोये हुए हर पल को अब
मोती मैं करना चाहता हूँ
हर बिता हुआ पल, नहीं है इक पल
मेरे जीवन का हिस्सा है
पल पल से इक अनुभव को लेकर
पल पल को अनुभव में बदल कर
सीपों सा जीवन चाहता हूँ
हर पल था सपना किसी अपने का
हर पल अपनों को बदलता रहता था
हर सपने में, अपनों को चाह कर
पल पल मै जीवन पिरोता हूँ
नाराज़ कईं हैं, खामोश कई है
कईं न होने का एहसास कराते हैं
हर पल कोई वजूद खोजता
पल पल को वजूद अब करता हूँ
"ह्रदय" दर्द था देता बिता पल कोई
कभी उम्मीद कोई पल देता था
हों पास कोई या दूर कोई
हर पल अपनों को संजोता हूँ
नाराज़ कईं हैं, खामोश कई है
कईं न होने का एहसास कराते हैं
हर पल कोई वजूद खोजता
पल पल को वजूद अब करता हूँ
"ह्रदय" दर्द था देता बिता पल कोई
कभी उम्मीद कोई पल देता था
हों पास कोई या दूर कोई
हर पल अपनों को संजोता हूँ
"खोये हुए हर पल को अब
ReplyDeleteमोती मैं करना चाहता हूँ"
वाह क्या बात कही है आपने :)