मेरे सपनों की ऊँचाई गगनोँ से नहीं
मेरे सपनों की गहराई सागर से नहीं
मेरे भावों में विचारों में "ह्रदय"
इक ख्वाईश पनपती रहती है
इक मधुर मुस्कान सब अधरों पर
यह छवि हर मानव की रहती है
मेरे सपनों की गहराई सागर से नहीं
मेरे भावों में विचारों में "ह्रदय"
इक ख्वाईश पनपती रहती है
इक मधुर मुस्कान सब अधरों पर
यह छवि हर मानव की रहती है
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