कुछ तो गुंजाईश रख लेना जब भी अलविदा कहना
मिलने की बात चाहे न हो पर यादों में तंग ना होना
कभी बढते सफ़र में ख़ुशी, कभी गम ने साथ दिया होगा
कभी उम्मीद हुई होगी पूरी कभी निराशा ने दामन भरा होगा
न जाने कितने बने रिश्ते कितनों ने साथ छोड़ा होगा
किसी पल में लगा अपना सा चेहरा कभी अनजान हुआ होगा
हर पल को संजो लेना राही सबको अपना तू कह लेना
मिलने की बात चाहे न हो पर यादों में तंग ना होना
बदलेगा वक़्त बदलेगी फिज़ा समझ ना एक सी होगी
पल में बुरा अच्छा लगेगा अच्छे की हर पल परख होगी
न याद रहेगा कल का खाया, क्या पाया ना उसकी समझ होगी
मानो तो मन से उजला हर कोई, पर छाया सभी की काली होगी
कुछ आए कुछ लाए जीवन में, सब के सब हैं खरा सोना
मिलने की बात चाहे न हो पर यादों में तंग ना होना
मन का भेद यह मन ही जाने जो इक रस्ते रहता नहीं
कुछ माँगू कुछ चाहे हर पल कुछ से ध्यान तो हटता नहीं
पर देखे फिर भी इक नयनन से,इक भाव में स्थिर जब जो जाए
अच्छे में सब अच्छा लागता वरना कुछ भी अच्छा नहीं
संजोलो मुस्कान तुम हर पल की वरना यादों को ना ढ़ोना
मिलने की बात चाहे न हो पर यादों में तंग ना होना